||आदित्य हृदय स्तोत्र|| Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf Download Now

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का Bestpdf.in पर| आज मैं आपके लिए लेकर आया हूं Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf| आदित्य हृदय स्त्रोत वाल्मीकि रामायण से लिया हुआ है| भगवान राम को युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए ऋषि अगस्त के द्वारा इस स्तोत्र का वर्णन किया गया था|

आईए जानते हैं इसके बारे में की आखिर आदित्य स्तोत्र का पाठ करने से हमारे जीवन में क्या-क्या बदलाव आते हैं और इसका पाठ कैसे करना चाहिए| आदित्य हृदय स्त्रोत के बहुत सारे नियम भी हैं, जिनका पालन करना अति आवश्यक है| इसलिए Aditya Hridaya Stotra की पीडीएफ डाउनलोड करने से पहले इसके बारे में अच्छे से जान ले| आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े, जिससे आपको आदित्य हृदय स्तोत्र के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी|

Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf की जानकारी

हमारे जीवन में कोई भी मामला हो शिक्षा का हो कंपटीशन का हो नौकरी का हो हर जगह हम चाहते हैं कि हमें सफलता मिले| विजय की प्राप्ति हो, पराजय कौन चाहता है, जब बात विजय की होती है| जब बात सफलता की होती है तो ज्योतिष में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ग्रह, उसके लिए होते हैं सूर्य देव|

अगर सूर्य देव की विधिवत उपासना की जाए तो कठिन से कठिन रास्ते क्यों ना हो, बड़ी से बड़ी मुश्किल क्यों ना हो, आपको विजय की प्राप्ति हो सकती है| इस विजय की प्राप्ति का रास्ता जाता है- Aditya Hridaya Stotra के पाठ के साथ| आईए जानते हैं आदित्य हृदय स्तोत्र के बारे में|

Aditya Hridaya Stotra क्या है?

सबसे पहले जानते हैं कि Aditya Hridaya Stotra आखिर है क्या? देखिए आदित्य हृदय स्तोत्र जो है, वह लिया गया है वाल्मीकि रामायण से| और वाल्मीकि रामायण के युद्ध कांड का 105 सर्ग है| भगवान राम को युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए अगस्त ऋषि द्वारा इस स्तोत्र का वर्णन किया गया था|

महर्षि अगस्त, भगवान राम को कहते हैं कि Aditya Hridaya Stotra के पाठ का जाप कीजिए| तुम्हें विजय की प्राप्ति होगी| इसीलिए आदित्य हृदय स्त्रोत को बड़ा ही पवित्र ग्रंथ माना गया है| यदि आप भी जीवन में सफलताएं प्राप्त करना चाहते हो तो आदित्य हृदय स्त्रोत का नियमित रूप से जाप करें|

आदित्य हृदय स्तोत्र पूर्णतया सूर्य देव को समर्पित है| जीवन में हर एक मनुष्य चाहता है कि वह हर मुकाम पर सफल हो और वह हमेशा सूर्य की तरह तेज प्राप्त करें| यदि जीवन में सूर्य देव की तरह तेज पाना चाहते हो तो आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें|

यदि आप सूर्य की तरह तेज प्राप्त करना चाहते हो, मुकदमों में विजई होना चाहते हो तो आदित्य हृदय स्त्रोत का जरूर पाठ करें| आप किसी भी तरह के युद्ध हो चाहे वह जीवन की मुश्किलों का युद्ध हो या फिर शिक्षा का युद्ध हो उसके लिए Aditya Hridaya Stotra का पाठ अमोघ है| लेकिन इसके पाठ करने के कुछ नियम होते हैं| आईए जानते हैं क्या-क्या वह नियम है|

Aditya Hridaya Stotra का पाठ करने के नियम

Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf का पाठ करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक है| यदि इन नियमों का पालन आप नहीं करते हो तो आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने का कोई मतलब नहीं निकलता है| इसलिए इन नियमों को ध्यान पूर्वक पढ़कर अपने जीवन में लागू कीजिए|

  1. Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf का पाठ करने वाले व्यक्ति को मांस मदिरा का सेवन करना छोड़ना होगा| यदि आप मांस मदिरा का सेवन करते हो तो आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से कोई भी सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है|
  2. आदित्य हृदय स्त्रोत को रविवार के समय सूर्य उदय के समय पढ़ना चाहिए| या फिर रविवार के दिन आप कभी भी पढ़ सकते हो|
  3. इस स्तोत्र का पाठ करते समय सूर्य की लालिमा आपके चेहरे पर आनी चाहिए| इसलिए रविवार के समय सुबह-सुबह ही इसका पाठ कर ले|
  4. आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करने से पहले स्नान अवश्य कर ले|
  5. इस स्तोत्र का पाठ करते समय अपने मन को बिल्कुल भी विचलित न होने दे| अपना पूरा ध्यान एकाग्रचित करके रखें|
  6. इस स्तोत्र का पाठ करने के बाद सूर्य देव को जल जरुर चढ़ाएं|

ऊपर बताए हुए नियमों का पालन करते हो तो इस स्तोत्र का पाठ करने से बहुत अच्छे लाभ प्राप्त होते हैं| अगले वाले पैराग्राफ में हम यह जानेंगे कि इस स्तोत्र को पढ़ने से क्या-क्या लाभ प्राप्त होते हैं|

Aditya Hridaya Stotra का पाठ करने के लाभ

Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf को पढ़ने से बहुत सारे लाभ होते हैं| आईए जानते हैं कौन-कौन से लाभ होते हैं|

  • इस स्तोत्र का पाठ करने से शिक्षा के क्षेत्र में यदि कोई परेशानी हो तो, वह दूर हो जाती है|
  • जो लोग आंखों के रोग से ग्रसित होते हैं, उन्हें आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए|
  • Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf पाठ करने से नेत्र संबंधी सभी रोगों का विकार दूर हो जाता है|
  • जिन लोगों के पेट संबंधी विकार होते हैं, वह लोग भी इस स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं| इसका पाठ करने से पेट संबंधी सभी रोग दूर हो जाते हैं|
  • यदि आप किसी मुकदमे में फंस गए हो और उसे मुकदमा को जीतना चाहते हो तो इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें| ऐसा करने से मुकदमा जीत सकते हो|
  • घर के अंदर आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करें|
  • घरेलू झगड़े और अपने प्रतिद्वंदी से होने वाले झगड़ा, इसका पाठ करने से खत्म हो जाते हैं|
  • मानसिक और आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है|
  • चेहरे पर सूर्य की भांति तेज की प्राप्ति होती है|
  • मस्तिष्क संबंधी सभी बीमारियां दूर हो जाती है|

इस प्रकार Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf का पाठ करने से कई सारे फायदा की प्राप्ति होती है| इसलिए आदित्य नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक से, डाउनलोड करके नियमित रूप से पाठ करें|

Aditya Hridaya Stotra डाउनलोड करें

नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करके, Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf को डाउनलोड कर ले| इसके बाद अपने मोबाइल फोन या लैपटॉप में सेव कर ले| यदि नहीं भी कर पाते हो तो, इस वेबसाइट पर वापस आकर आदित्य हृदय स्तोत्र डाउनलोड कर सकते हो|

Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf

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Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf की लिरिक्स

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् | रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ||
दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् | उपगम्याब्रवीद् राममगस्त्यो भगवांस्तदा ||


राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्मं सनातनम् | येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसे ||
आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् | जयावहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम् ||

सर्वमंगलमागल्यं सर्वपापप्रणाशनम् | चिन्ताशोकप्रशमनमायुर्वर्धनमुत्तमम् |

रश्मिमन्तं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् | पुजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम् ||
सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावन: | एष देवासुरगणांल्लोकान् पाति गभस्तिभि: ||


एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिव: स्कन्द: प्रजापति: | महेन्द्रो धनद: कालो यम: सोमो ह्यापां पतिः ||
पितरो वसव: साध्या अश्विनौ मरुतो मनु: | वायुर्वहिन: प्रजा प्राण ऋतुकर्ता प्रभाकर: ||

आदित्य: सविता सूर्य: खग: पूषा गभस्तिमान् | सुवर्णसदृशो भानुर्हिरण्यरेता दिवाकर: ||

हरिदश्व: सहस्त्रार्चि: सप्तसप्तिर्मरीचिमान् | तिमिरोन्मथन: शम्भुस्त्वष्टा मार्तण्डकोंऽशुमान् ||
हिरण्यगर्भ: शिशिरस्तपनोऽहस्करो रवि: | अग्निगर्भोऽदिते: पुत्रः शंखः शिशिरनाशन: ||
व्योमनाथस्तमोभेदी ऋग्यजु:सामपारग: | घनवृष्टिरपां मित्रो विन्ध्यवीथीप्लवंगमः ||

आतपी मण्डली मृत्यु: पिगंल: सर्वतापन:| कविर्विश्वो महातेजा: रक्त:सर्वभवोद् भव: ||
नक्षत्रग्रहताराणामधिपो विश्वभावन: | तेजसामपि तेजस्वी द्वादशात्मन् नमोऽस्तु ते ||

नम: पूर्वाय गिरये पश्चिमायाद्रये नम: | ज्योतिर्गणानां पतये दिनाधिपतये नम: ||
जयाय जयभद्राय हर्यश्वाय नमो नम: | नमो नम: सहस्त्रांशो आदित्याय नमो नम: ||
नम उग्राय वीराय सारंगाय नमो नम: | नम: पद्मप्रबोधाय प्रचण्डाय नमोऽस्तु ते ||

ब्रह्मेशानाच्युतेशाय सुरायादित्यवर्चसे | भास्वते सर्वभक्षाय रौद्राय वपुषे नम: ||
तमोघ्नाय हिमघ्नाय शत्रुघ्नायामितात्मने | कृतघ्नघ्नाय देवाय ज्योतिषां पतये नम: ||

तप्तचामीकराभाय हरये विश्वकर्मणे | नमस्तमोऽभिनिघ्नाय रुचये लोकसाक्षिणे ||
नाशयत्येष वै भूतं तमेष सृजति प्रभु: | पायत्येष तपत्येष वर्षत्येष गभस्तिभि: ||

एष सुप्तेषु जागर्ति भूतेषु परिनिष्ठित: | एष चैवाग्निहोत्रं च फलं चैवाग्निहोत्रिणाम् ||
देवाश्च क्रतवश्चैव क्रतुनां फलमेव च | यानि कृत्यानि लोकेषु सर्वेषु परमं प्रभु: ||

एनमापत्सु कृच्छ्रेषु कान्तारेषु भयेषु च | कीर्तयन् पुरुष: कश्चिन्नावसीदति राघव ||

पूजयस्वैनमेकाग्रो देवदेवं जगप्ततिम् | एतत्त्रिगुणितं जप्त्वा युद्धेषु विजयिष्यसि ||
अस्मिन् क्षणे महाबाहो रावणं त्वं जहिष्यसि | एवमुक्ता ततोऽगस्त्यो जगाम स यथागतम् ||
एतच्छ्रुत्वा महातेजा नष्टशोकोऽभवत् तदा ॥ धारयामास सुप्रीतो राघव प्रयतात्मवान् ||

आदित्यं प्रेक्ष्य जप्त्वेदं परं हर्षमवाप्तवान् | त्रिराचम्य शूचिर्भूत्वा धनुरादाय वीर्यवान् ||
रावणं प्रेक्ष्य हृष्टात्मा जयार्थं समुपागतम् | सर्वयत्नेन महता वृतस्तस्य वधेऽभवत् ||
अथ रविरवदन्निरीक्ष्य रामं मुदितमना: परमं प्रहृष्यमाण: | निशिचरपतिसंक्षयं विदित्वा सुरगणमध्यगतो वचस्त्वरेति ||

कुछ सवाल और जवाब

1. क्या आदित्य हृदय स्तोत्र पढ़ना सही रहता है?

जी हां, इसका पाठ करने से घर में सुख समृद्धि और दुश्मनों का विनाश होता है|

2. अदिति हार्दिक स्त्रोत का पाठ कब करें?

सुबह सूर्य देव के समय, इसका पाठ करना शुभ माना गया है|

3. आदित्य हृदय स्त्रोत का महत्वपूर्ण फायदा क्या है?

इसका पाठ करने से किसी भी क्षेत्र में मतलब शिक्षा के क्षेत्र में, मुकदमों के क्षेत्र में, व्यापार के क्षेत्र में चल रही परेशानियों को दूर करता है|

4. क्या आदित्य हृदय स्तोत्र पढ़ने से पहले नियमों का पालन करना आवश्यक है?

जी हां, ऊपर बताए हुए नियमों का पालन करना अति आवश्यक है|

5. क्या खूब सारा पैसा कमाने के लिए आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं?

जी हां, इसका पाठ करने से आपके जीवन में धन की कभी कमी नहीं रहेगी|

निष्कर्ष

जैसा कि आप सब लोगों ने पढ़ लिया होगा कि Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf एक बहुत ही पवित्र ग्रंथ है| जिसका पाठ करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है| हिंदू धर्म में आदित्य हृदय स्त्रोत को एक पवित्र पाठ के रूप में जाना जाता है| यदि आपको भी मानसिक शारीरिक और आध्यात्मिक समृद्धि चाहिए तो इसका पाठ जरूर करें|

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