Nilavanti Granth Pdf (निलावन्ती ग्रन्थ) in Hindi, Download Now

भारतीय साहित्य और आध्यात्मिकता के विविध परिदृश्य में, एक छिपा हुआ रत्न मौजूद है – ” नीलावंती” ग्रंथ” (Nilavanti Granth Pdf) इसे ” नीलावंती” के नाम से भी जाना जाता है| Nilavanti Granth Pdf, “यह प्राचीन पाठ गहन ज्ञान का भंडार है| जिसने पीढ़ियों से साधकों और विद्वानों के मन को मोहित किया है।

Nilavanti Granth Pdf में नीलावंती की पूरी कहानी बताई गई है और इसके साथ ही इस ग्रंथ के मुख्य भाग को अलग से 20 पेज में बताया गया है| Nilavanti Granth Pdf का लिंक नीचे दिया हुआ है वहां से आप इसे डाउनलोड करके मोबाइल में सेव कर सकते हैं|

Nilavanti Granth के बारे में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग भ्रांतियां फैली हुई है| कुछ लोग तो यहां तक यह भी कहते हैं कि यह ग्रंथ भारत में इस पर रोक है| लेकिन इससे ग्रंथ का मुख्य भाग आज तक किसी को नहीं मिला| इस ग्रंथ की रचना लेखक रामदास ने की थी जिन्होंने तत्कालीन राजा के लिए इस ग्रंथ को तैयार किया था| इस ग्रंथ की रचना 17वीं शताब्दी में हुई थी|

इस आर्टिकल में, हम Nilavanti Granth को जानने के लिए एक यात्रा पर निकलते हैं। Nilavanti Granth Pdf की उत्पत्ति, महत्व और भारत के आध्यात्मिक और दार्शनिक क्षेत्र पर इसके गहरे प्रभाव को समझना।

Nilavanti Granth Pdf Details

Pdf NameNilavanti Granth Pdf
PDF Size2 MB
CategoryReligion
LangauageHindi
AuthorKaswa
Download LinkAvailable
Nilavanti Granth Pdf

नीलावंती की रहस्यमय उत्पत्ति (Nilavanti Granth Pdf)

Nilavanti Granth एक क्षेत्रीय भारतीय भाषा मराठी में रचित एक प्राचीन ग्रंथ है। इसके महत्व के बावजूद, इसका लेखकत्व बहस और साज़िश का विषय बना हुआ है। आम तौर पर जिम्मेदार लेखक समर्थ रामदास हैं, जो एक श्रद्धेय संत हैं| जो मराठा राजा शिवाजी महाराज के साथ अपने संबंधों के लिए जाने जाते हैं।

हालाँकि, Nilavanti Granth Pdf की विशिष्ट शैली और सामग्री है, जो समर्थ रामदास के अन्य कार्यों, मुख्य रूप से भक्ति रचनाओं से भिन्न है। इस भिन्नता ने इस सवाल को जन्म दिया है कि क्या समर्थ रामदास वास्तव में लेखक थे।

लेखकत्व का रहस्य और भी बढ़ जाता है, कुछ विद्वानों का प्रस्ताव है कि यह एक व्यक्ति की एकल रचना के बजाय एक सहयोगात्मक प्रयास, उस समय के विभिन्न संतों और विद्वानों के ज्ञान का संकलन हो सकता है।

Nilavanti Granth Pdf की संरचना को समझना

Nilavanti Granth Pdf एक साधक और एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक के बीच संवाद के प्रारूप का अनुसरण करता है| जो कई भारतीय दार्शनिक और आध्यात्मिक ग्रंथों में एक सामान्य संरचना है। साधक, जिसे ” साधक ” कहा जाता है, आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में आम व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि मार्गदर्शक, या “गुरु”, ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करता है।

यह संवाद प्रारूप दार्शनिक और आध्यात्मिक अवधारणाओं की गहन खोज की अनुमति देता है। साधक प्रश्न, दुविधाएँ और शंकाएँ रखता है, और गुरु व्यावहारिक और ज्ञानवर्धक उत्तरों और शिक्षाओं के साथ उत्तर देता है । पाठ को अध्यायों में विभाजित किया गया है, प्रत्येक अध्याय जीवन, आध्यात्मिकता और सत्य की निरंतर खोज के विशिष्ट पहलुओं को संबोधित करता है।

Nilavanti Granth Pdf का गहरा महत्व

Nilavanti Granth Pdf भारत के आध्यात्मिक और दार्शनिक परिदृश्य में एक अद्वितीय और पूजनीय स्थान रखता है। इसकी शिक्षाएँ विविध विषयों पर आधारित हैं, जो इसे साधकों और आध्यात्मिक ज्ञान की खोज करने वालों के लिए एक व्यापक मार्गदर्शिका बनाती हैं। यहां इसके महत्व पर गहराई से नजर डाली गई है| इसलिए निलावंती ग्रंथ पीडीएफ के महत्व को ध्यान से पढ़िए|

  1. ध्यान और आत्म-साक्षात्कार : Nilavanti Granth Pdf, यह आत्म-बोध और आंतरिक परिवर्तन के साधन के रूप में ध्यान के अभ्यास पर गहराई से प्रकाश डालता है। यह विभिन्न ध्यान तकनीकों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है और स्वयं के मन और चेतना को समझने के महत्व पर जोर देता है।
  2. नैतिक मूल्य: Nilavanti Granth Pdf में नैतिक और नैतिक मूल्य नीलावंती के केंद्र में हैं| यह एक सदाचारी जीवन जीने, करुणा का अभ्यास करने और नैतिक मूल्यों को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करता है। ये शिक्षाएं व्यापक भारतीय दार्शनिक परंपरा के अनुरूप हैं जो धर्म, या धार्मिक जीवन जीने पर जोर देती है।
  3. आत्म-खोज की यात्रा: Nilavanti Granth Pdf पाठ व्यक्तियों को स्वयं और ब्रह्मांड की प्रकृति का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह आत्म-खोज में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, किसी के आंतरिक स्व और अस्तित्व की प्रकृति की समझ पर जोर देता है।
  4. आध्यात्मिक भक्ति : Nilavanti Granth भक्ति को परमात्मा से जुड़ने के साधन के रूप में मनाता है और प्रोत्साहित करता है। यह आध्यात्मिक विकास के साधन के रूप में अटूट विश्वास और प्रेम को प्रोत्साहित करता है।
  5. सामुदायिक सद्भाव: व्यक्तिगत आध्यात्मिक प्रगति से परे, Nilavanti Granth Pdf अपने समुदाय और समाज के साथ सद्भाव में रहने के महत्व को संबोधित करता है। यह सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने, न्याय को बढ़ावा देने और समुदाय की भावना को बढ़ावा देने पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।

Key Feature of Nilavanti Granth Pdf

Nilavanti Granth Pdf गहन शिक्षाएँ प्रदान करते हैं जो पाठकों और साधकों को प्रभावित करती रहती हैं। इसकी कुछ प्रमुख शिक्षाएँ शामिल हैं:

  1. स्वयं की प्रकृति: Nilavanti Granth Pdf स्वयं की अवधारणा की पड़ताल करता है और आत्म-जागरूकता पर जोर देता है । यह व्यक्तियों को अपने भीतर झाँकने और अपने वास्तविक स्वरूप को समझने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  2. नैतिक आचरण: नीलावंती में नैतिक मूल्य केंद्र में हैं| यह एक धार्मिक और सात्विक जीवन जीने के महत्व को रेखांकित करता है।
  3. ध्यान: Nilavanti Granth विभिन्न ध्यान तकनीकों पर व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करता है, जो व्यक्तियों को आंतरिक शांति और आत्म-प्राप्ति प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से ध्यान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  4. भक्ति: Nilavanti Granth भक्ति को परमात्मा से जुड़ने के साधन के रूप में बढ़ावा देता है। यह ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास और प्रेम को प्रोत्साहित करता है।
  5. सामुदायिक सद्भाव: निलावंती ग्रंथ सामाजिक न्याय और एकता को बढ़ावा देने, अपने समुदाय और समाज के साथ सद्भाव में रहने के महत्व को संबोधित करता है।

भारतीय अध्यात्म और दर्शन पर Nilavanti Granth Pdf का प्रभाव

Nilavanti Granth Pdf ने भारतीय अध्यात्म और दर्शन पर अमिट छाप छोड़ी है। इसकी शिक्षाएँ आध्यात्मिक साधकों को सत्य और आत्म-साक्षात्कार की खोज के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन करती रहती हैं। नैतिकता, ध्यान, भक्ति और सामुदायिक सद्भाव पर जोर इसे एक पूर्ण और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध जीवन जीने के लिए एक सर्वांगीण मार्गदर्शक बनाता है।

Nilavanti Granth में निहित ज्ञान से प्रेरणा लेते हैं| अपने अनुयायियों को प्रेरित करने और आध्यात्मिकता के प्रति समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए। इस पाठ की शिक्षाएँ कालजयी ज्ञान का स्रोत बन गई हैं जो पीढ़ियों से परे है।

Nilavanti Granth Pdf की कहानी

नीलावंती ग्रंथ को एक श्रापित ग्रंथ या पाठ के रूप में भी जाना जाता है| क्योंकि इस ग्रंथ को एक श्रापित यक्षिणी के द्वारा लिखा गया है| इसके अलावा जो भी इस ग्रंथ को पढ़ते समय लालच की भावना रखता है तो वह पागल हो जाता है या फिर उसकी मृत्यु हो जाती है| ऐसी भ्रांतियां इस ग्रंथ के बारे में फैली हुई है|

अब मैं आपको इस ग्रंथ की कहानी बताता हूं| इस कहानी को आप लोग ध्यान से पढ़ें| उसके बाद आप इस करंट को डाउनलोड कर लेना|

पाठ को यह बात बहुत प्राचीन है| उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा गांव था| उसे गांव में एक आदमी रहता था| उसे आदमी की एक पत्नी और एक छोटी बच्ची थी| जब उसे आदमी की छोटी बच्ची 5 साल की हुई तो उसकी मां की मृत्यु हो गई थी|

उसे आदमी की छोटी बच्ची का नाम था नीलावंती| अपनी मां की मृत्यु के पश्चात नीलावंती के पिता ने अपने गांव को छोड़ दिया था| इस प्रकार वह नीलावंती को लेकर किसी दूसरे गांव में चले गए|

नीलावंती के पिता को आयुर्वेद चिकित्सा का बहुत अच्छा नॉलेज था| लेकिन उसे आदमी की बेटी यानी नीलावंती को बहुत अच्छा ज्ञान था| यानी की नीलावंती पेड़ पौधों, पशु पक्षियों और अन्य जानवरों की भाषा को समझती थी| और उनसे बात भी कर लेती थी| इस तरह का रहस्य के कारण नीलावंती अनूठी और अलग थी|

उसे गांव में कुछ दिन रहने के बाद उसके पिता ने नीलावंती में काफी बदलाव देखे| कभी-कभी नीलावंती को रात के सपनों में राक्षसों के सपने भी आते थे| और वह राक्षस, नीलावंती को सपने में अलग-अलग जगह रखे हुए या छुपाए हुए धन दौलत के बारे में बताते थे|

लेकिन नीलावंती बहुत ही संस्कारी और ज्ञानी लड़की थी| उसने कभी भी वह छुपाए हुए धन और दौलत के बारे में किसी को नहीं बताया और ना ही उन्हें ढूंढने की कोशिश की| इसके बाद धीरे-धीरे नीलावंती को जो भी सपने में शैतान बताते थे, वह उनको पीपल के पत्तों पर लिख लेती और उसकी उसने किताब बना ली|

लेकिन धीरे-धीरे नीलावंती बड़ी हो गई और वह 23 साल के लगभग हो चुकी थी| अब जो रक्षा उसके सपने में आते थे, अब वह वास्तव में ही उसके सामने आने लगे|

धीरे-धीरे नीलावंती को पता चला कि वह इस दुनिया की नहीं है| वह एक श्रापित यक्षिणी है जो कि किसी शार्प के चलते इस दुनिया में आ गई थी| और अब उसे लगने लगा कि उसे अपनी वापस दुनिया में जाना चाहिए|

इस तरीके से उसने यह सभी बातें अपने पिताजी को बता दी| सारी बातें सुनकर उनके पिता ने कहा कि बेटी तू सही बोल रही है| तू इस दुनिया की नहीं है और यदि तू अपनी स्वयं की इच्छा से जो भी करना चाहती है वह कर सकती है| मैं कभी भी तुझे नहीं रोकूंगा|

इस तरीके से नीलावंती गांव छोड़कर जा रही थी| तभी निलावंती को रास्ते में एक व्यापारी मिला| नीलावंती को एक दूसरे गांव में जाना था जो कि लगभग 35 मील दूर था| उसे गांव में बरगद के पेड़ के नीचे उसे जाना था| व्यापारी को नीलावंती उसे गांव तक छोड़ने के लिए बोलता है|

निलावंती को उसे बरगद के पेड़ पर जाने के लिए किसी अच्छी आत्मा ने बताया था| साथ ही उसे अपनी दुनिया में जाने के लिए कुछ तरीके भी बताएं| इस तरीके से व्यापारी सारी बातें सुन रहा था और वह नीलावंती को देखकर मोहित हो गया| वह नीलावंती को बोला कि मैं तुम्हें उसे गांव तक छोड़ दूंगा लेकिन बदले में तुम्हें मुझसे शादी करनी होगी|

निलावंती यह बात सुनकर मुस्कुराती है और उसे व्यापारी को बोलता है कि मुझे यह मंजूर है| इसके साथ ही नीलावंती ने व्यापारी के सामने एक शर्त भी राखी की रात में मैं कहीं भी जाऊं और कुछ भी करो, इसके बारे में तुम मुझसे कभी भी कुछ भी नहीं पूछोगे| इस बात पर व्यापारी ने कहा कि मुझे यह मंजूर है|

उसके बाद व्यापारी ने अपनी बैलगाड़ी में बिठाकर 35 मील दूर गांव चला जाता है| फिर व्यापारी के शर्ट के आधार पर नीला बंटी व्यापारी से शादी कर लेती है| रात्रि के समय में नीलावंती को उसे बताए हुए बरगद के पेड़ के नीचे जाना होता था| और हमेशा रात को वह, वहां पर तंत्र-मंत्र करती और पशु पक्षियों की बलि भी चढ़ती थी|

लेकिन यह ज्यादा दिन तक नहीं चला| एक बार रात को बरगद के पेड़ के नीचे पशु पक्षियों की बलि देते हुए नीलावंती को गांव वालों ने देख लिया| उसके बाद गांव वालों ने सारी घटना व्यापारी को बता दी| लेकिन व्यापारी ने नीलावंती को कुछ नहीं कहा|

अगली रात्रि को नीलावंती जब बरगद के पेड़ के नीचे जाने लगती है तो व्यापारिक छुप कर उसका पीछा करता है| और वह नीलावंती को तंत्र-मंत्र की साधना करते हुए देख लेता है|

अगली रात्रि को नीलावंती के सपने में शैतान आता है और नीलावंती को बताता है कि जब तुम कल बरगद के पेड़ के नीचे जाओगी तो तुम्हें पास की नदी में एक लाश बहती हुई दिखाई देगी| उसके बाद वह बताता है कि उसे बहती हुई लाश के गले में एक ताबीज होगा| तुम्हें उसके गले से वह ताबीज निकाल लेना है|

उसके बाद तुम्हें इस नदी में एक आदमी मिलेगा| जिसे तुम वह ताबीज उसे आदमी को दे देना| वही आदमी तुम्हें तुम्हारी दुनिया में जाने के लिए रास्ता दिखाएगा| और वह आदमी तुम्हारी मदद भी करेगा| उसके बाद शैतान ने निलावंती को चेतावनी भी दी की तुम्हें अपनी दुनिया में जाने के लिए एक ही चांस मिलेगा| उसके बाद कभी भी तुम्हें कोई चांस नहीं मिलेगा|

अगले ही दिन नीलावंती बहुत खुश थी| और रात्रि के समय वह बरगद के पेड़ के नीचे चली जाती है| इस समय तंत्र-मंत्र करते समय पास की नदी में एक लाश बहती हुई दिखाई देती है| निलावंती दौड़कर, उसे लाश से ताबीज खोलना लगती है| लेकिन इस समय उसका पति अपने शैतानी रूप में वहां पर आ जाता है| साथ ही गांव वाले भी वहां आ जाते हैं|

गांव वालों ने कहा कि यह दोनों पति-पत्नी शैतानी रूप में है| इसके साथ ही यह दोनों नरभक्षी भी है| इस तरीके से सभी गांव वाले उन दोनों को करने के लिए पीछे दौड़ते हैं| गांव वालों ने उसके पति को यानी कि शैतान को मार दिया| और नीलावंती वहां से भाग जाती है| और उसका पति यानी कि वह शैतान भी वापस जिंदा हो जाता है|

वह शैतान नीलावंती से पीपल के पत्तों पर लिखी हुई किताब लेना चाहता था| उसके बाद वह नीलावंती के पास आता है और बोलता है कि मुझे यह किताब दे दो| इसके अलावा मुझे कुछ भी नहीं चाहिए| लेकिन नीलावंती ने सोचा कि यदि इस शैतान के हाथ में यह किताब लग गई तो दुनिया का विनाश हो जाएगा|

इस प्रकार नीलावंती ने उसे शैतान को श्राप देते हुए कहा कि जो भी इस किताब को लालच वश में आकर पढ़ने की कोशिश करेगा, उसकी मृत्यु निश्चित ही हो जाएगी| और जिसने इस किताब को आधा पढ़ कर छोड़ दिया वह इंसान पागल हो जाएगा| कितनी बातें उसे शैतान को सुना कर नीलावंती वहां से किताब लेकर भाग जाती है|

उसके बाद कभी भी कुछ भी नहीं पता चला कि निलावंती कहां गई| लेकिन कुछ समय बाद ही वह किताब एक साधु को मिल जाती है| लेकिन वह साधु बिल्कुल भी अपने मन में लालच नहीं रखता था| उसने उसे किताब का अनुवाद करके सरल भाषा में लिख दिया| ताकि यह किताब सभी को समझ में आ जाए|

Nilavanti Granth Pdf के बारे में फैली हुई भ्रांतियां

Nilavanti Granth Pdf के बारे में काफी सारी भ्रांतियां फैली हुई है| कुछ लोग यह भी बताते हैं कि निलावंती ग्रंथ पीडीएफ भारत में Ban है| लेकिन इस बात की पुष्टि आज तक कोई नहीं कर पाया| क्योंकि यह बात कहीं पर लिखी हुई नहीं पाई गई|

इसके साथ ही कुछ लोग बताते हैं कि इस ग्रंथ को पढ़ने के बाद यदि मनुष्य लालच कर लेता है तो उसकी मृत्यु हो जाती है या पागल हो जाता है| लेकिन आज तक किसी के साथ भी ऐसा नहीं हुआ| यह बात भी मात्र एक भ्रांति है|

निलावंती ग्रंथ का असली वर्जन आज तक कहीं भी नहीं मिला| और विशेष रूप से इंटरनेट पर तो बिल्कुल भी नहीं है| लेकिन हां आप ई-कॉमर्स स्टोर से इस करंट को खरीद सकते हो|

कुछ लोग कहते हैं कि बिना लालच के यदि इस किताब को पढ़ लिया जाए तो वह इंसान जिंदगी में कभी भी असफल नहीं होता है| और वह इस दुनिया का असली ज्ञान को प्राप्त कर लेता है|

Nilavanti Granth Pdf डाउनलोड करें

नीलावंती ग्रंथ पीडीएफ को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें| उसके बाद आप Nilavanti Granth Pdf को पढ़ सकते हैं|

Conclusion

Nilavanti Granth Pdf , अपनी रहस्यमय उत्पत्ति और गहन शिक्षाओं के साथ, भारत की आध्यात्मिक और दार्शनिक विरासत के स्थायी ज्ञान के प्रमाण के रूप में खड़ा है। चाहे इसका श्रेय समर्थ रामदास को दिया जाए या इसे संतों और विद्वानों का सामूहिक प्रयास माना जाए, पाठ का प्रभाव कम नहीं हुआ है।

यह आध्यात्मिक ज्ञान, नैतिक जीवन और स्वयं और ब्रह्मांड की गहरी समझ चाहने वालों के लिए एक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करता है। अपने शब्दों की सरलता में, नीलावंती ग्रंथ एक गहरा संदेश देता है: आध्यात्मिक प्राप्ति का मार्ग भीतर है, और यात्रा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी मंजिल। यह उल्लेखनीय पाठ साधकों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा में मार्गदर्शन और प्रेरणा देता रहता है, और उन्हें याद दिलाता है कि सत्य की खोज एक कालातीत प्रयास है।

Others Important PDFs

Best 5 Malayalam Novels PDFDownload PDF
36 कोटी देवी देवताओं की आरती संग्रहDownload PDF
Aaj Ki Murli Pdf 2023, आज की मुरली पीडीएफ हिंदीDownload PDF

Leave a Comment