Chaupai Sahib Path In Hindi pdf

हेलो दोस्तों, आज हम आपको इस लेख के मदद से चौपाई साहिब पाठ pdf के बारे में बताने जा रहे हैं। इस लेख के द्वारा आप Chaupai Sahib Path In Hindi pdf को डाउनलोड भी कर सकते हैं और साथ ही इसे पढ़ भी सकते हैं। 

Chaupai Sahib Path Pdf

PDF Nameचौपाई साहिब पाठ Hindi pdf
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सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद साहब द्वारा रचित (Chaupai Sahib Path) एक पंजाबी प्रार्थना या बानी है। यह सिख धर्म में एक मशहूर और भक्ति प्रार्थना है जिसे भक्तों के द्वारा भगवान को खुश करने की कोशिश करने के लिए गया जाता है। तो चौपाई साहिब पाठ के बारे में जानने से पहले इसे बनाने वाले गुरु गोविंद सिंह जी के बारे में कुछ जानते हैं।

गुरु गोविंद साहिब जी

गुरु गोविंद साहब जी का जन्म पटना में 1966 ईस्वी में हुआ था। लेकिन कुछ समय अपने परिवार के साथ बिताने के बाद 1670 ईस्वी में वह पंजाब चले गए थे। जिस जगह पर श्री गुरु गोविंद साहब जी का जन्म हुआ था, वहां पर अभी के समय में श्री हरिहर मंदिर जी पटना साहिब मौजूद है। इसके कुछ साल बाद कश्मीरी पंडितों को जबरदस्ती धर्म पर परिवर्तन करके मुस्लिम बनाया जा रहा था, तब गुरु गोविंद सिंह के पिता श्री तेज बहादुर जी ने इसका विरोध किया था। 

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लेकिन विरोध करने के कारण 1675 ईस्वी में औरंगजेब ने चांदनी चौक पर तेज बहादुर सिंह जी का गला कटवा दिया था। इसके 1 साल बाद 1676 ईस्वी में गुरु गोविंद सिंह जी को सिखों के दसवें गुरु के रूप में चुना गया था। गुरु गोविंद सिंह जी ने चौपाई साहिब पाठ (Chaupai Sahib Path) के साथ-साथ खालसा पंथ (khalsa panth) की भी स्थापना की है।

Chaupai Sahib Path In Hindi से जुड़ी कुछ मान्यता।

सिख परंपरा के अनुसार यह मानता है कि अगर आप प्रतिदिन सुबह-सुबह चौपाई साहिब पाठ या बनी का पाठ करते हैं तो आपके जीवन के सभी दुख, परेशानियां और समस्याओं का निवारण और अंत हो जाएगा। इसके साथ ही आपके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आएगी। 

Chaupai Sahib Path In Hindi pdf

सिख धर्म में शुरू से ही गुरुओं को काफी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है इस कारण से गुरु पूर्णिमा का सिख समुदाय के लोग बहुत धूमधाम और आस्था के साथ मनाते हैं। इस दिन सिख लोग चौपाई साहिब पाठ को पढ़कर अपने दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी को याद भी करते हैं। तो आईए जानते हैं चौपाई साहिब पाठ Chaupai Sahib Path In Hindi pdf के बारे में।

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हिंदी में चौपाई शाहिब सम्पूर्ण पाठ

एक ओअंकार श्री वाहेगुरू जी की फतह||

पातिसाही दसवीं||

कभीयो बाच बेनती ||

||चौपाई||

हमारी करो हाथ दै रक्षा||

पूर्ण र्होय चित्त की इच्छा ||

तुम्हारे चरणन मन रहै हमारा||

अपना जान करो प्रतिपारा ||1||

हमारे दुष्ट सभै तुम घावहु ||

आप हाथ दै मोहि बचाव||

सुखी बसै मेरा परिवार||

सेवक सिख सभै करतारा ||2||

मेरी रक्षा निज कर दै करियै ||

सब दुश्मनों कौ आज संघरियै ||

पूर्ण होय हमारी आशा||

तोहरी भजन की रहै प्यासा ||3||

तुम्हें छोड़ कोई और न ध्याऊं ||

जो बर चाहे सु तुम्हें ही पाऊं ||

सेवक सिख हमारे तारियहि ||

चुन चुन शत्रु हमारे मारियहि ||4||

आप हाथ दै मुझै बचाएं||

मरण काल का त्रास निवरियै ||

रहना सदा हमारे साथ||

स्त्री असिधुज से करियहु रच्छा ||5||

राख लेहु मुझे राखनहारे ||

साहिब संत संत सहाय प्यारे ||

दीनबंधु शत्रु के हंता ||

तुम ही हो पुरी चतुर्दस कंता ||6||

काल ब्रह्मा बापू धरा ||

काल पाए सिवजू अवतार ||

काल पाए कर बिसन प्रकाश||

शक्ल काल का किया तमासा ||7||

जीवन काल जोगी सिव कीयो ||

वेद राज ब्रह्मा से थीयो ||

जीवन काल सब लोक सवारा ||

नमस्कार है आपको हमारा ||8||

जीवन काल सब संसार बनायो ||

देव दैत जच्छन उपजायो ||

आदि अंत एक ही अवतारा ||

सोई गुरू समझो हमारा ||9||

नमस्कार तिस ही को हमारी ||

समूची प्रजा जिन आप सवारी ||

शिवकंद को सर्वगुण सुख दीयो ||

शत्रु को पल मो विनाश किया||10||

घट घट के अंतर की जान||

अच्छे बुरे की पीर पछानत ||

चीटी ते ही कुंचर अस्थूला ||

सभी पर कृपा दृष्टि रख जो ||11||

संतान दुख पाए ते दुखी ||

सुख पे साधन के सुखी ||

एक एक की पीर पहचाना||

घट घट के पट पट की जानै ||12||

जब करो उदकरख करा करतारा ||

प्रजा धरत तब देह आपके हवाले||

जब आकरख करत हो कब ही||

तुम मै मिलत देह धर सब ही||13||

जेते बदन सृष्टि सब धारै ||

आप आपनी समझबूझ उचारै ||

तुम सब ही ते रहत निरालम ||

जानत भेद भेद अर आलम ||14||

निरंकार निर्विकार निरलंभ ||

आदि अनील अनादि असंभव||

तुम्हारा मूढ़ उचारत भेदा ||

जाको भेव न पावत वेद||15||

तब ही कर पाहन अनुमानत ||

मेरा मूढ़ कछु भेद न जानत ||

महादेव कौ कहत सदा शिवा||

निरंकार का चिंता नहि भिव ||16||

आप अपनी बुध है जेती ||

बरनत भिन्न भिन्न तुहि देती||

तुमरा किया न जाए पसारा ||

किह बिध सजा प्रथम संसार||17||

एक ही रूप अनूप स्वरूप||

रंक बायो राव कहीं भूपा ||

अंदाज जेरज सेतज कीनी ||

उतभुज खान बहुत सारी रच दीनी ||19||

कहूं फूल राजा है बैठा||

कहूं सिमट भयो संकर इकट्ठा||

सगरी सृष्टि दिखाए अचंभव ||

आद जुगाद स्वरूप सुयंभव ||19||

अब रक्षा मेरी तुम करो ||

सिख उबार असिख्य संघरो ||

शत्रु जिते उठवत उतपाता ||

सभ मलेछ करो रण घाता ||20||

जे असिधुज तोहार सरनी परे ||

तिन के दुष्ट दुखित है मेरे ||

पुरख जीवन पग परे तिहारे ||

तिन के तुम संकट सब टारे ||21||

जो कल कौ एक बार धिऐहै ||

ता के काल निकट नहि आवे||

रक्षा होय ताहि सभी कला ||

शत्रु अरिष्ट टरे तत्काला ||22||

कृपा दृष्टि तन जाहि निहरिहो ||

तुम्हारा ही ताप तनक महि हरिहो ||

रिद्ध सिद्ध घर मों सब हो जाए ||

शत्रु छाह छ्वै सकै न कोए ||23||

एक बार जिन तुम ही संभालो ||

काल फास ते तुम ही उबारा ||

जिन नर नाम तुम्हारा ही कहा ||

दारिद शत्रु दोख ते रहा ||24||

खड़ग केत मैं सरन तुम्हार||

आप हाथ दो लेहु उबारी ||

सरब ठौर मो होहु सहाई ||

शत्रु दोख ते लेहु बचाई ||25||

कृपा करी हम पर जग की माता

ग्रंथ करा पूरन सुभ राता

किलविख सकल देह को हरता

दुष्ट दोखीअन को छै करता

श्री असिधुज जब भए दयाला

पूरन करा ग्रंथ तत्काला

मन बाँछत् फल पावे सोई

दूख न तिसै ब्यापत कोई

||अड़िल्ल||

सुनै गुंग जो याहे सो रसना पावई

सुनै मूढ़ चित्त लाए चतुरता आवई

दूख दर्द भौ निकट ना तिन नर कै रहै

हो जो याकि एक बार चौपई को कहै

||चौपाई||

संबत सत्रह सहस भणिजै

अर्ध सहस फुन तीन कहिजै

भाद्रव सुदी अष्टमी रविवारा

तीर सतुद्रव ग्रंथ सुधारा

||सवैया||

पांय गहे जब ते तुमरे तब ते कोउ आँख परे नहीं आनयो

राम रहीम पुरान कुरान अनेक कहैं मत एक न मान्यो

सिमृत सास्त्र बेद सभे बहु भेद कहैं हम एक न जानयो

श्री असिपान कृपा हमरी कर, मैं न कहयो सभ तोहे बखानयो

||दोहरा||

सागल दुआर कौ छाड कै, गहयो तुहारो द्वार

बाँहे गहे की लाज अस, गोबिन्द दास तुहार |

वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फ़तह ||

Chaupai Sahib पढ़ने के लाभ

गुरुजी की इस वाणी को पढ़ने से जीवन में बहुत सारे फायदे होते हैं| आईए जानते हैं Chaupai Sahib Path In Hindi pdf पढ़ने से क्या-क्या लाभ होते हैं:-

  1. चौपाई साहिब पाठ की पीडीएफ पढ़ने से जीवन में सभी कष्ट दूर हो जाते हैं|
  2. शत्रुओं का विनाश हो जाता है|
  3. घर परिवार में सुख शांति और समृद्धि रहती है|
  4. दरिद्रता दूर हो जाती है|
  5. शारीरिक और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है|
  6. शरीर के सभी रोग दूर हो जाते हैं|
  7. जीवन की सभी परेशानियां खत्म हो जाती है|

Chaupai Sahib Path की PDF का हम सभी को स्मरण करना चाहिए| इसके स्मरण मात्र से ही जीवन की सभी परेशानियां और दुख समाप्त हो जाते हैं|

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और जवाब

प्रश्न 1. Chaupai Sahib Path In Hindi pdf को किस समय पढ़ना चाहिए?

उत्तर:- वैसे तो गुरु जी की इस वाणी को कभी भी पढ़ा जा सकता है| लेकिन सुबह के 2:00 बजे से लेकर 6:00 बजे तक, इसका स्मरण करने से लाभ की प्राप्ति होती है|

प्रश्न 2. चौपाई साहिब पाठ पाठ हमारी कैसे सहायता करता है?

उत्तर:- जो व्यक्ति चौपाई साहिब पाठ का स्मरण करता है, उसे जीवन में कोई भी नहीं हरा सकता| वह अजय होता है|

प्रश्न 3. चौपाई साहिब पाठ का स्मरण करने से शरीर के रोग दूर होते हैं क्या?

उत्तर:- चौपाई साहिब पाठ की पीएफ का स्मरण करने से शरीर के समस्त रोगों का विनाश हो जाता है| और शरीर में कभी भी कोई भी रोग नजदीक नहीं आता है|

प्रश्न 4. क्या चौपाई साहब पाठ को सुन सकते हैं ?

उत्तर:- यदि आप चौपाई साहिब पाठ को पढ़ नहीं सकते हो तो इसे सुन भी सकते हो| जितना इसको पढ़ने से फायदा होता है, उतना ही इसे सुनने में होता है|

प्रश्न 5. Chaupai Sahib Path In Hindi पीडीएफ कैसे डाउनलोड करें?

उत्तर:- चौपाई साहब पाठ की पीडीएफ डाउनलोड करने के लिए ऊपर दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें?

निष्कर्ष

जैसा कि आप सब लोगों ने चौपाई साहब पाठ के महत्व को जाना है| साथ ही यह भी जान लिया होगा की चौपाई साहब पाठ पीडीएफ क्या होता है| यदि आप इस परम वाणी का सदैव स्मरण करते हो तो आपके जीवन में कभी भी कोई परेशानी नहीं आएगी| इस पाठ का स्मरण करने के साथ ही आप इसे अपने आसपास के लोगों को भी सुनाएं| इससे आपको और भी ज्यादा लाभ की प्राप्ति होगी|

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