Hanuman Ashtak Pdf

भगवान हनुमान के शक्ति और उनकी महानता का गान करते हुए, हम लाए हैं Hanuman Ashtak Pdf डाउनलोड। इस पावन अष्टक को अपने जीवन में समाहित करने के लिए अब तुरंत डाउनलोड करें और हनुमान जी की कृपा पाएं।

इस पीडीएफ में हर श्लोक की महिमा और अर्थ को समझने का अवसर मिलेगा। आपके आत्मा के शांति और सुख के लिए, अब तुरंत इसे डाउनलोड करें।

हनुमान अष्टक हनुमानजी की अनन्त महिमा और उनकी अद्भुत शक्तियों को समर्पित करने वाला प्राचीन धार्मिक श्लोक संग्रह है। इस अष्टक में हनुमानजी की महानता, उनके कार्यों का वर्णन किया गया है, जो उनकी भक्ति, शक्ति, और निष्ठा को प्रतिष्ठित करते हैं।

Bajrang Baan Pdf Download Now

यह अष्टक हनुमानजी के अद्भुत गुणों, साहसी कार्यों, और उनकी अनवरत सेवा भावना को उजागर करता है। हर श्लोक में हनुमानजी की महिमा, उनकी शक्ति, और उनकी वीरता का उल्लेख किया गया है, जो उनके भक्तों में विशेष प्रेम और आदर्श जागृत करता है।

यह अष्टक हमें हर परिस्थिति में हनुमानजी की आराधना और स्मरण का अवसर प्रदान करता है, और हमें उनके प्रेरणादायक कथानकों के माध्यम से उनके अनुयायियों की भावना में भागीदार बनाता है।

Download Shani Chalisa in Hindi Pdf

Sankat Mochan Hanuman Ashtak Pdf

यह पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए निचे दिए डायरेक्ट लिनल पर क्लिक करे।

श्लोक संख्या श्लोक
श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बलधामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
||आदित्य हृदय स्तोत्र|| Aditya Hridaya Stotra in Hindi pdf

Hanuman Ashtak Ka Path Kaise Kare

१. प्रारंभिक ध्यान: पहले हनुमानजी के चित्र को देखकर आदर्श और भक्ति से ध्यान केंद्रित करें। ध्यान में लगे रहें और उनकी कृपा की कामना करें।

२. महत्त्वपूर्ण शब्दों की समझ: हर शब्द का अर्थ समझें, ताकि आप हर श्लोक की भावना को गहराई से समझ सकें।

३. नियमित पाठ: अष्टक को नियमित रूप से पढ़ें और समय-समय पर इसे स्मरण करने का प्रयास करें।

४. अद्भुत भावना सहित पढ़ें: अपने मन में भक्ति और श्रद्धा के साथ अष्टक का पाठ करें।

५. प्रार्थना और आशीर्वाद: पाठ के बाद, हनुमानजी को प्रणाम करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।

Hanuman Chalisa English PDF: Download in HD

Hanuman Ashtak Ke Fayde

किसी भी मंदिर या धार्मिक स्थल पर, हर शुक्रवार और मंगलवार को, हनुमान अष्टक का पाठ करने का विशेष महत्त्व होता है। हनुमान अष्टक के पाठ से हर संकट दूर होता है और भगवान हनुमान की कृपा से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस अष्टक का पाठ करने से व्यक्ति का जीवन संपन्न होता है और सभी कष्टों का निवारण होता है।

हनुमान अष्टक के पाठ से शक्ति, संकल्प, और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इसका नियमित जाप करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती हैं। अतः, हनुमान अष्टक को नियमित रूप से पढ़ने से हर मनोकामना पूरी होती है और भक्त को हर तरह की समृद्धि मिलती है।

इस अष्टक का पाठ करने से संतुलन और आत्मिक उन्नति होती है, जिससे व्यक्ति का जीवन सफलता की ओर बढ़ता है। इसे ध्यानपूर्वक और श्रद्धापूर्वक पढ़ने से भगवान हनुमान की कृपा मिलती है और व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है।

हनुमान अष्टक को नियमित रूप से पढ़ने से आपको न केवल आत्मविश्वास मिलेगा, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होगी। इसका पाठ करने से आपकी जिंदगी में खुशियां और संपन्नता की कदम कदम पर प्राप्ति होती है।

Hanuman Ashtak PDF Lyrics Meaning in Hindi

॥ हनुमानाष्टक ॥

बाल समय रवि भक्षी लियो तब,

तीनहुं लोक भयो अंधियारों।

सभी के जीवन में बसी हुई हर दिशा में ज्ञान की कमी हो जाने पर, सूर्य को रात्रि का भोजन करते हुए जब उस समय छिपा लिया गया था। तब तीनों लोक अंधेरे में चले गए थे। विश्वासी कोई नहीं था जो इस संकट को हल कर सके।

ताहि सों त्रास भयो जग को,

यह संकट काहु सों जात न टारो।

विश्व में इस प्रकार का भयानक संकट आया, जिसे कोई भी दूर नहीं कर सका।

देवन आनि करी बिनती तब,

छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो।

उस समय देवताओं ने भगवान सूर्य को प्रार्थना की और उन्होंने कष्ट को दूर कर दिया।

चाहत सीय असोक सों आगि सु,

दै प्रभु-मुद्रिका शोक निवारो।

सीता माता ने अपने असोक वृक्ष के पास बैठा हुआ था, लेकिन जब उन्होंने प्रभु राम की मुद्रा देखी, तो उनका दुःख दूर हो गया।

बंधु समेत जबै अहिरावन,

लै रघुनाथ पताल सिधारो।

अहिरावण को सहित उस समय भगवान राम ने पाताल लोक सहित सभी समस्याओं का समाधान किया।

को नहीं जानत है जग में कपि,

संकटमोचन नाम तिहारो॥ 

इस प्रकार की घटनाओं को संज्ञान नहीं लेने वाला व्यक्ति जो कुछ भी संकट में हो, उसे जानते हुए भी संकटमोचन हनुमानजी को याद करे।

॥ दोहा ॥

लाल देह लाली लसे,

अरु धरि लाल लंगूर।

वज्र देह दानव दलन,

जय जय जय कपि सूर॥

इसी तरह की स्तुति भगवान हनुमानजी की अनन्य प्रसन्नता को प्रकट करती है जिनका वज्र शरीर दानवों के दल को नष्ट करता है

Leave a Comment